भूमिका: जब दिल पहली बार धड़का
स्कूल लव स्टोरी का अपना एक अलग ही जादू होता है—मासूमियत भरा प्यार, छुपी हुई निगाहें, और दिल की धड़कनों का तेज होना। प्यार… एक ऐसा अहसास जिसे न तो कोई उम्र की सीमा रोक सकती है और न ही कोई तर्क। यह कभी भी, कहीं भी और किसी से भी हो सकता है। और जब यह स्कूल के दिनों में होता है, तो यह हमेशा दिल में एक खास जगह बना लेता है।
यह कहानी अर्जुन और अनुष्का की है, जो एक ही स्कूल में पढ़ते थे। उनकी दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदली, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। यह एक ऐसी प्रेम कहानी थी, जो अधूरी रह गई, लेकिन कभी खत्म नहीं हुई।
पहली मुलाकात: एक नई दोस्ती की शुरुआत
गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुल चुका था। 11वीं कक्षा के छात्रों में एक अलग ही जोश था। पुराने दोस्त फिर से मिले, नई क्लास, नए टीचर्स और नई किताबें… सब कुछ नया-नया लग रहा था।
उसी क्लास में एक नई लड़की आई थी—अनुष्का वर्मा।
जब टीचर ने उसे इंट्रोड्यूस कराया, तो पूरी क्लास की नजरें उस पर टिक गईं। लंबी, घुंघराले बाल, गहरी काली आँखें और चेहरे पर मासूमियत।
“हाय, मैं अनुष्का,” उसने मुस्कुराकर कहा।
सभी ने उसका स्वागत किया, लेकिन एक लड़का चुपचाप उसे देख रहा था—अर्जुन शर्मा।
अर्जुन ज्यादा बोलने वाला लड़का नहीं था। वह क्लास में हमेशा पढ़ाई पर ध्यान देता था। लेकिन उस दिन, पहली बार, उसकी नजर किसी पर जाकर टिक गई थी।
टीचर ने कहा, “अनुष्का, तुम अर्जुन के बगल वाली सीट पर बैठ सकती हो।”
अनुष्का अर्जुन के पास बैठ गई। उसके दिल की धड़कनें तेज हो गईं, पर उसने कुछ नहीं कहा।
धीरे-धीरे बढ़ती दोस्ती
शुरुआत में अर्जुन और अनुष्का के बीच ज्यादा बातचीत नहीं होती थी। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, वे एक-दूसरे के करीब आते गए।
एक दिन मैथ्स के पीरियड में, अनुष्का को एक सवाल समझ में नहीं आ रहा था। उसने अर्जुन से पूछा, “तुम समझा सकते हो?”
अर्जुन ने हिचकिचाते हुए हां कहा और धीरे-धीरे समझाने लगा।
“ओह, तो यह ऐसे होता है!” अनुष्का ने खुशी से कहा। “तुम तो बहुत अच्छे टीचर हो!”
अर्जुन मुस्कुरा दिया। शायद पहली बार किसी लड़की ने उसकी तारीफ की थी।
धीरे-धीरे वे क्लास में एक-दूसरे की मदद करने लगे। कभी अर्जुन उसे मैथ्स में हेल्प करता, तो कभी अनुष्का उसे इंग्लिश असाइनमेंट में।
अब लंच ब्रेक में भी वे साथ बैठते थे। दोनों की दोस्ती गहरी होने लगी थी, और अर्जुन को अहसास हो रहा था कि यह सिर्फ दोस्ती नहीं है…
शायद यह प्यार था। स्कूल लव स्टोरी
प्यार का एहसास—दिल की धड़कनें तेज
एक दिन बारिश हो रही थी। स्कूल के गेट पर अर्जुन और अनुष्का साथ खड़े थे।
“ओह, मेरी बस छूट गई!” अनुष्का परेशान हो गई।
“कोई बात नहीं, मैं तुम्हें छोड़ दूंगा।”
दोनों पैदल ही चलने लगे। बारिश हल्की हो चुकी थी, लेकिन सड़कें भीगी हुई थीं।
अर्जुन ने देखा कि अनुष्का के बाल गीले होकर उसके चेहरे पर चिपक गए थे। उसने झिझकते हुए अपना रुमाल निकालकर उसे दिया।
“तुम्हें क्या लगता है, मैं पिघल जाऊंगी?” अनुष्का ने हंसते हुए कहा।
“नहीं, बस… तुम बीमार न पड़ जाओ।”
इस छोटी-सी बात ने अर्जुन के दिल में हलचल मचा दी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह दोस्ती है या कुछ और…
अब वह अनुष्का को लेकर ज्यादा सोचने लगा था। उसे उसकी हर बात अच्छी लगने लगी थी।
क्या यह सच में प्यार था?
पहला प्रपोजल—जो कभी कहा नहीं गया
स्कूल में एनुअल फेस्टिवल का समय आ गया था। इस बार अर्जुन ने तय कर लिया था कि वह अनुष्का को अपने दिल की बात बता देगा।
फेस्टिवल के दिन, स्कूल का गार्डन रंग-बिरंगे लाइट्स से सजा हुआ था। अर्जुन ने अनुष्का को अकेले बुलाया।
“क्या हुआ अर्जुन? तुम इतने परेशान क्यों लग रहे हो?”
“अनुष्का, मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ…” अर्जुन के दिल की धड़कनें तेज हो गईं।
“हां, कहो न!”
“मैं… मैं तुमसे…”
अर्जुन आगे कुछ कहता, इससे पहले ही अनुष्का का फोन बज उठा।
“सॉरी अर्जुन, मुझे जाना होगा। बहुत जरूरी कॉल है।”
अनुष्का चली गई, और अर्जुन वहीं खड़ा रह गया… अपनी अनकही बातों के साथ।
बिछड़ने का दर्द—अधूरी मोहब्बत
12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के बाद अनुष्का के पापा का ट्रांसफर हो गया।
जब अर्जुन को यह खबर मिली, तो वह तुरंत स्टेशन पहुंचा।
“अनुष्का, क्या तुम वापस आओगी?”
“शायद हां, शायद नहीं। पर मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूंगी अर्जुन।”
“मैं भी नहीं…”
ट्रेन चल पड़ी। अर्जुन ने अपनी आँखों से उसे दूर जाते देखा।
पहली मोहब्बत अधूरी रह गई।
अंत नहीं, एक नई शुरुआत
अर्जुन ने कई बार अनुष्का को कॉल करने की कोशिश की, लेकिन वह व्यस्त हो गई थी।
शायद उसकी जिंदगी में नए लोग आ चुके थे, नई जिम्मेदारियां आ चुकी थीं।
पर अर्जुन के लिए, पहली मोहब्बत कभी नहीं मिटती।
उसने अनुष्का को भले ही खो दिया, लेकिन उसकी यादें हमेशा उसके दिल में जिंदा रहीं।
कभी-कभी कुछ स्कूल लव स्टोरी पूरी नहीं होतीं, पर वे कभी खत्म भी नहीं होतीं।